Ashok khaachar
ग़ज़ल मेरी इबादत …
Pages
(Move to ...)
Home
Contact
About
▼
Sunday 23 June 2013
किताबें बोलती है - 4
›
मिज़ाज़ कैसा है : अनवारे इस्लाम बात करती हुई ग़ज़लों की किताब सूर तुलसी हों, मीरो ग़ालिब हों सब मेरा खानदान है बाबा * * * ...
18 comments:
Friday 7 June 2013
अमजद इस्लाम अमजद की गज़लें
›
अमजद इस्लाम अमजद तुम से बिछड़ कर पहरों सोचता रहता हूँ अब में क्यूँ और किस की खातिर ज़िंदा हूँ मेरी सोचें बदलती जा रही हैं ...
30 comments:
Saturday 1 June 2013
निदा फ़ाज़ली की ग़ज़लें
›
निदा फ़ाज़ली निदा फ़ाज़ली गरज बरस प्यासी धरती पर पानी दे मौला चिड़ियों को दाने,बच्चों को गुडधानी दे मौला दो और दो का जोड़ ...
18 comments:
Sunday 26 May 2013
अहमद फ़राज़
›
अहमद फ़राज़ की ग़ज़लें अगर तुम्हारी ही आन का हैं सवाल चलो मैं हाथ बढ़ाता हूँ दोस्ती के लिए - अहमद फराज़ श...
17 comments:
Wednesday 15 May 2013
किताबें बोलती है - 3
›
ज़ज्बात : मनु दूर जाने से किसने रोका है बस ख़यालों से परे रहने की इज़ाज़त नही तुझे तेरी तलाश जब भी ख़त्म करनी चाही...
47 comments:
‹
›
Home
View web version