Ashok khaachar
ग़ज़ल मेरी इबादत …
Pages
(Move to ...)
Home
Contact
About
▼
Tuesday, 23 April 2013
किताबें बोलती है - 2
›
यादों का सफ़र : रेखा अग्रवाल भीड में खो गई मेरी पहचान, मैं मिलूँ तो मेरा पता लिखना! मुझे जनाब अनवारे इस्लाम ...
30 comments:
Sunday, 14 April 2013
किताबें बोलती है - 1
›
एक ख़ुशबू टहलती रही : मोनिका हठीला मै और मेरे दोस्त ' जोगी जसदनवाला ' इस साल की शरूआत में भूज दोस्त अजीत प...
38 comments:
Wednesday, 10 April 2013
मुनव्वर राना
›
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई मैं घर में सबसे छोटा था मेरी हिस्से में माँ आई - मुनव्वर ...
15 comments:
Sunday, 7 April 2013
राहत इन्दौरी की गज़लें
›
राहत इन्दौरी उसकी कत्थई आँखों में हैं जंतर-मंतर सब चाक़ू--वाक़ू , छुरियाँ--वुरियाँ , ख़ंजर--वंजर सब जिस दिन से तुम रूठी...
18 comments:
Thursday, 4 April 2013
असलम मीर की गज़लें
›
मेरे दोस्त असलम मीर की तीन बहतरीन ग़ज़ल ज़ात बेरंग तो बेनुर सा लहजा करता कब तलक तु हि बता में ...
19 comments:
Monday, 4 March 2013
फ़रहत शहज़ाद
›
फरहत शहज़ाद की ग़ज़लें आँखों आँखों एक ही चहेरा धड़कन धड़कन एक ही नाम - फ़रहात शहज़ाद भटका भटका फिरता हूँ गोय...
14 comments:
‹
›
Home
View web version