Ashok khaachar
ग़ज़ल मेरी इबादत …
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Sunday, 13 August 2017
फरिहा नक़वी की ग़ज़लें
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गज़लें ऐ मिरी ज़ात के सुकूँ आ जा थम न जाए कहीं जुनूँ आ जा रात से एक सोच में गुम हूँ किस बहाने तुझे कहूँ आ जा हाथ जिस ...
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