Ashok khaachar
ग़ज़ल मेरी इबादत …
Pages
(Move to ...)
Home
Contact
About
▼
Thursday, 19 September 2013
किताबें बोलती हैं - 7
›
सितारे टूटते है - इरफ़ाना अज़ीज़ इरफाना अज़ीज़ की ग़ज़लें और नज्में ( संपादक - सुरेश कुमार ) पाकिस्तान अपने शायरों ...
19 comments:
Saturday, 14 September 2013
क़मर इक़बाल की गज़लें
›
क़मर इक़बाल हर ख़ुशी मक़बरों पे लिख दी है और उदासी घरों पे लिख दी है एक आयत सी दस्त-ए-कुदरत ने तितलियों के परों पे लि...
21 comments:
Saturday, 17 August 2013
किताबें बोलती हैं - 6
›
मेरा मिट्टी है सरमाया - दिनेश मंज़र - दिनेश मंज़र की गज़लें शोर में क्या कहा, सुना जाए आज ख़ामो...
25 comments:
Friday, 26 July 2013
मंज़ूर हाशमी की गज़ले
›
मंज़ूर हाशमी मंज़ूर हाशमी नई ज़मीं न कोई आसमान माँगते है बस एक गोशा-ए-अमन-ओ-अमान माँगते है कुछ अब के धूप का ...
14 comments:
Sunday, 21 July 2013
किताबें बोलती हैं - 5
›
मुझ को महसूस कर के देख : सुमन अग्रवाल ख़ुदारा लाज मेरे बालो-पर की रख देना उड़ान पर हूं मैं इज्ज़त सफ़र की रख देना कहीं पे र...
25 comments:
Saturday, 6 July 2013
हुमैरा राहत की ग़ज़लें
›
हुमैरा राहत फ़साना अब कोई अंजाम पाना चाहता है तअल्लुक टूटने को इक बहाना चाहता है जहाँ इक शख्स भी मिलता नहीं है चाहने स...
37 comments:
Sunday, 30 June 2013
वज़ीर आग़ा की ग़ज़लें
›
वज़ीर आग़ा लुटा कर हमने पत्तों के ख़ज़ाने हवाओं से सुने क़िस्से पुराने खिलौने बर्फ़ के क्यूं बन गये हैं तुम्हारी आंख में ...
35 comments:
‹
›
Home
View web version