Ashok khaachar
ग़ज़ल मेरी इबादत …
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Sunday, 1 May 2016
सिराज फ़ैसल खान की ग़ज़लें और नज़्में
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सिराज फ़ैसल खान माना मुझको दार पे लाया जा सकता है लेकिन मुर्दा शहर जगाया जा सकता है लिक्खा हैं तारीख़ सफ़हे सफ़हे पर ये...
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Saturday, 11 April 2015
शमीम हयात की ग़ज़लें और नज्में
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शमीम हयात * * * मिट गये सब गिले रंज जाता रहा वो मुझे देख कर मुस्कुराता रहा बाद मुद्दत के लौटा था वो गाँव ...
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Thursday, 19 September 2013
किताबें बोलती हैं - 7
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सितारे टूटते है - इरफ़ाना अज़ीज़ इरफाना अज़ीज़ की ग़ज़लें और नज्में ( संपादक - सुरेश कुमार ) पाकिस्तान अपने शायरों ...
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Saturday, 14 September 2013
क़मर इक़बाल की गज़लें
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क़मर इक़बाल हर ख़ुशी मक़बरों पे लिख दी है और उदासी घरों पे लिख दी है एक आयत सी दस्त-ए-कुदरत ने तितलियों के परों पे लि...
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Saturday, 17 August 2013
किताबें बोलती हैं - 6
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मेरा मिट्टी है सरमाया - दिनेश मंज़र - दिनेश मंज़र की गज़लें शोर में क्या कहा, सुना जाए आज ख़ामो...
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Friday, 26 July 2013
मंज़ूर हाशमी की गज़ले
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मंज़ूर हाशमी मंज़ूर हाशमी नई ज़मीं न कोई आसमान माँगते है बस एक गोशा-ए-अमन-ओ-अमान माँगते है कुछ अब के धूप का ...
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